फ़ेसबुक पर मिले मोटे चूचे

मुझे नई दिल्ली ट्रांसफर मिला कुछ तीन से चार महीने पहले, फिर फेसबुक पर सर्च करते हुए मेरी मुलाक़ात एक लड़की निशा से हुई..
उसकी प्रोफाइल पर उसकी खुद की तस्वीर लगी हुई थी और उसमें वो काफी हॉट भी लग रही थी.. वो शादीशुदा
थी पर फिर भी मैंने उससे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। दो दिन के बाद उसका एक संदेश आया कि क्या हम एक दूसरे को जानते हैं?

तो मैंने लिखा- जानते तो नहीं हैं पर अगर आप चाहो तो जान पहचान बढ़ा सकते हैं।
तो उसने कहा- मैं शादीशुदा हूँ।

तो मैंने जवाब में कहा- जान पहचान बनाने के लिये शादीशुदा ना होना कोई नियम तो नहीं है।
तो उसने उत्तर में स्माइली बना कर भेज दी.. उसके बाद हम दोनों की चैट पर खूब बातें होने लगी..
एक दिन यूँ ही बातों बातों में निशा ने कहा- मैं घर पर बोर हो जाती हूँ, क्या तुम मेरे साथ मूवी देखने चलोगे?
मैंने जवाब में कहा- ज़रूर चलूँगा..

फिर हमने एक दिन तय किया पहली बार मिलने का और साथ में मूवी देखने जाने का।
फिर दिए हुए समय पर हम मिले और मूवी देखने गए.. सिनेमा हाल में घुसते हुए निशा ने मेरा हाथ पकड़ लिया क्योंकि वहाँ काफी अँधेरा था।

हम मूवी देखने लगे। मूवी रोमांटिक थी.. फिल्म देखते हुए मैंने कहा- हाल का ऐ सी काफी तेज है.. काफी ठंडी लग रही है !

तो उसने अपनी चुन्नी मेरी ओर खिसका दी और बोली- इसमें हाथ छुपा लो, थोड़ी रहत मिलेगी।
मैंने वैसा ही किया।

फिर मूवी में एक रोमांटिक दृश्य आया तो मैंने अपने हाथ से उसका हाथ छू लिया, उसके हाथ काफी गर्म हो रहे थे उस वक़्त।

उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और मूवी देखने लगे। फिर थोड़ी देर बाद एक और रोमांटिक दृश्य आया तो मैंने अपने हाथ को उसके कंधे पर रख दिया और हल्के हल्के से उसके कंधे को सहलाने लगा। उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया और हम मूवी देखते रहे।
ऐसा लग रहा था मनो ना निशा का मन लग रहा था हाल में, और ना ही मेरा।

मैंने उससे कहा- मूवी के बाद हम लंच करने चलेंगे। 
उसने कहा- ठीक है।

फिर मैंने निशा से पूछा- अगर तुम कहो तो लंच पैक करवा कर हम मेरे घर पर आराम से बैठ कर लंच करें? मेरा घर ज्यादा दूर भी नहीं है।

तो वो बोली- घर पर तुम्हारा कोई दोस्त या रूममेट होगा?
मैंने उसको बताया- मैं अकेला ही रहता हूँ।

वो मान गई। फिर मूवी देख कर हम घर पहुँचे.. वहाँ वो रसोई में जाकर खाना लगाने लगी तो मेरा मन किया कि मैं उसको पीछे से ही पकड़ कर चूमने लगूँ।

उसने काले रंग की लो-कट टीशर्ट पहनी थी और नीचे हल्के आसमानी रंग की फुल स्कर्ट पहनी थी। उसका फिगर 34-30-35 का था। लड़कियों के मोटे मोटे मोमे और उठी हुई गांड मेरी कमजोरी है। और उसके ऊपर लड़की अगर स्कर्ट में हो तो यह आग में घी डालने के बराबर है।

ख़ैर, मैंने खुद पर काबू किया और कोई भी जल्दबाजी नहीं की।
हमने साथ में खाना खाया.. मैं उसकी आँखों में और वो मेरी आँखों में देख कर जैसे कुछ कह रहे थे एक दूसरे से !

खाना खाने के बाद मैंने अपना लैपटोप ऑन किया और उसमें इमरान हाशमी भाई के विडियो गाने चला दिए। जिनको देख कर माहौल कुछ ज्यादा ही रंगीन होने लगा। वो मेरे बगल में सट कर ही बैठी थी कि अचानक से वो बोली- अब मुझे चलना चाहिए !

और यह कहकर वो उठने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके कुछ कहने से पहले ही उसको झटके से अपनी ओर खींचा और वो एकदम से मेरी गोद में आ गिरी।

मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में थामा और उसको उसके गालों पर, कान पर और गले पर चूमने लगा।
उसकी साँसें गर्म होने लगी.. फिर मैंने बिना देर किये उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर हम एक दूसरे को स्मूच करने लगे। करीब दस मिनट तक तक हम एक दूसरे को चूमते रहे। चूमते चूमते मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा और धीरे धीरे अपना उसकी चूत के ऊपर रख दिया और उसको सहलाने लगा।
ऐसा करने से उसकी साँसें तेज़ होने लगी और वो मुझे और जोर जोर से चूमने लगी.. फिर हम दोनों की जीभ आपस में खेलने लगी ! उसकी चूत काफी फूली हुई लग रही थी ऊपर से।

मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया.. उसकी चूत एकदम गीली थी और पाया कि उसकी झांटें काफी बड़ी बड़ी थी.. मुझे बड़ी झांटें पसंद नहीं तो मैंने निशा से कहा- तुम अपनी झांटें साफ़ क्यों नहीं करती हो।

वो बोली- तुम कर दो अगर तुमको पसंद नहीं तो !
मैंने कहा- ठीक है..

फिर हम दोनों बाथरूम में गए, वहाँ मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी, उसने काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी। मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी, उसकी झांटें काफी बड़ी बड़ी थी। मैंने अपनी शेविंग क्रीम उसकी झांटों पर लगा दी और अपने रेज़र से धीरे धीरे उसकी झांटें बनाने लगा.. उसके मुँह से हल्की हल्की आह आह निकाल रही थी। झांटें बनाने के बाद चूत एकदम से चमक गई तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत का चूमने और चूसने लगा।

उसको मज़ा आने लगा और वो आहें भरने लगी तो उसकी आहें सुनकर मेरा जोश बढ़ने लगा तो मैं उससे और जोर जोर से उसकी चूत को चूसने लगा और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी तो उसकी हालत ख़राब होने लगी.. वो अपनी गांड उठाने लगी और मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं उसकी चूत चूसता रहा और थोड़ी देर में उसकी चूत ने अपना कामरस छोड़ दिया।

मेरा पूरा मुँह उसके काम रस में गीला हो गया। फिर हम दोनों रूम में आ गए..
मेरा लंड नीचे कपडे फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा था। उसने मेरी टी शर्ट और जींस उतार दी और मैंने उसकी टी शर्ट उतार दी।

निशा ने लाल रंग की ब्रा पहनी थी और उसके गोरे गोरे मोटे मोमे उसकी लाल ब्रा दूध की तरह चमक रहे थे !
मैं सिर्फ अंडरवीयर में था। मैंने उससे अपनी बाहों में भरा और हम दोनों बिस्तर पर लेट गए। मैंने उसके मोटे मोटे चूचे पकड़ लिये और ब्रा के ऊपर से ही उनको दबाने लगा और निशा ने अपना हाथ मेरे अंडरवीयर में डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया और उसको सहलाने और आगे पीछे करने लगी।

फिर मैंने उसकी ब्रा उतार फेंकी और उसके हल्के भूरे निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और जोर जोर से चुसुकने लगा..

क्या मुलायम मुलायम निप्पल थे उसके। मैं अपनी जीभ उसके निप्पल पर रगड़ रहा था और उसके मुँह से उफफ्फ अम्म आआआह्ह्ह्ह म्मम्म और चुसूऊओ ऊऊ म्मम्म निकल रहा था। मेरा एक हाथ उसके एक चूचे को दबा रहा था और दूसरा उसके उठे हुए चूतड़ों को। फिर मैंने उसका दूसरा निप्पल अपने मुँह में ले लिया और पहले वाले चूचे को जोर जोर से मसलने लगा।

उस्स ! उफ्फ़ ! क्या पल थे वो ! उसके निप्पल पागल किये जा रहे थे मुझे ! अब उसने मेरा अंडरवीयर उतार दिया और मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगी।

अब मुझसे रुका नहीं गया, मैंने उससे कहा- मेरा निकलने वाला है।

तो उसने कहा- अपना माल मेरे चूचों पर गिरा दो।

मैंने अपना माल उसके वक्ष पर गिरा दिया।

हम फिर से एक दूसरे को किस करने लगे और फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मैं उसके गोरे और चिकने पेट को चूम रहा था और उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था..
दस मिनट चूसने के बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया। वो बोली- अब नहीं रहा जा रहा है, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी छम्मो की प्यास बुझा दो।

मैंने अपने लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और हल्का सा उस पर रगड़ने के बाद उसकी मुनिया में दबा दिया.. मेरा टोपा अंदर था और फिर मैंने लंड को बाहर निकाला और एक झटके में पूरा उसकी चूत में डाल दिया।
निशा की हल्की चीख निकल गई, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। अब मेरा लंड और उसकी चूत आपस मैं एकदूसरे के साथ गुत्थम गुत्था हो रहे थे। उसकी चूत ज्यादा कसी हुई नहीं थी और ज्यादा ढीली भी नहीं थी.. लंड आराम से जा रहा था उसकी चूत के अंदर.. एकदम गीली थी तो काफी मज़ा आ रहा था और ऊपर से उसकी सेक्सी सिसकारियाँ हाय हाय स्स्स आअ म्म्म्म उफ्फ ! और जोर से चोदो मुझे ! मम्म आआअह ह्ह्ह आआअह्ह ह्हह्ह चोदो चोदो और करो सीईई, काफी दिन हो गए चुदे हुए ! चोदो चोदो और तेज़ ह्ह्ह सीईई मम्म म्मम।

पूरा कमरा उसकी सिसकारियों और पट पट की आवाजों से भरा हुआ था। करीब दस मिनट की ज़ोरदार चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था, मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?

तो वो बोली- मैं भी जाने वाली हूँ, तुम मेरे अन्दर ही छोड़ दो !

फिर लगभग एक साथ हम दोनों का निकल गया ! मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसकी चूत ने मेरी एक एक बूँद निगल ली। हम दोनों काफी थक गए और उसी हालत में सो गए..
दो घंटे के बाद हम उठे, साथ में नहाये, बाथरूम में एक दौर और चला चुदाई का, फिर मैंने उसको मेट्रो स्टेशन तक ड्रॉप किया !

अब तक सब अच्छा था पर अब परेशानी यह है कि उसके पति का तबादला हो गया है और वो जा रही है नई दिल्ली छोड़ कर के।

वो जा रही है और मैं खोज में हूँ एक नई दोस्त की !

No comments:

Post a Comment