मेरा नाम राधिका है, मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र तो वैसे
35 है पर दिखती 28 की हूँ। रंग मेरा साफ़ है और मैं अब भी काफी जवान हूँ,
मेरा फिगर 36-29-38 है, मेरा कद 5'4" है। मैं घर में सलवार कमीज़ पहने रखती
हूँ।
मेरे पति ट्रैवेल एजेंसी में काम करते हैं इसलिए वो महीने में एक या दो दिन घर में आते हैं। हमारा एक बेटा है विक्की, जो 18 साल का है और बहुत ही सुन्दर जवान है। उसका कद 5'5", भरा हुआ शरीर है। मेरा बेटा होस्टल में रहता था। पर मेरे बेटे का एक दोस्त था उसका नाम राहुल था। वो हमारे घर के पास के ही स्कूल में पढ़ता था।
जब मेरा बेटा हॉस्टल वापस चला जाता था तो राहुल तब भी मेरे घर पर आता रहता था और बेटे की तरह रहता था। मैं सारा दिन घर में बोर हो जाती थी क्योंकि मेरे पति मेरी प्यास नहीं बुझा पाते थे और मैं उनके साथ सिर्फ महीने में एक या फिर दो बार ही सेक्स कर पाती थी।
एक औरत की प्यास कितनी होती है, वो एक औरत ही जानती है। मैं पूरे दिन घर में ऐसे ही पड़ी रहती थी। जब भी टीवी पर कोई गर्म सीन आता था तो मेरी प्यास और भी बढ़ जाती थी और मुझे अपनी उंगली से ही अपनी चूत को शांत करना पड़ता था, पर ठीक से शांत नहीं हो पाती थी।
विक्की अपने छुट्टियों में आया तो उसका दोस्त भी आता था हमारे घर पर ! छुट्टियाँ खत्म होने के बाद उसका दोस्त राहुल बहुत कम आने लगा था, वो पूरे दिन स्कूल और कोचिंग में ही निकाल देता था।
एक दिन रात को वो मेरे घर आया था और उस रात तेज बारिश होने लग गई तो वो उस रात मेरे घर पर ही सो गया।
मैं उसे देखती रहती थी कि वो भी मेरे बेटे के साथ धीरे धीरे जवान हो रहा है।
सुबह मैं नहाने के लिए बाथरूम जा रही थी तो मैंने राहुल की चड्डी देखी जिस पर पानी लगा हुआ था, तो में झट से समझ गई कि अब राहुल का माल छुटने लगा है और उसका भी सेक्स करने का मन करता होगा।
मैंने उसकी चड्डी को सूंघ कर देखा तो महक एकदम ताज़ी थी और उसे सूंघने के बाद मेरे जिस्म में एक बिजली सी दौड़ पड़ी। मैं सोचने लगी कि अगर मैं अपनी चूत की प्यास अपने बेटे के दोस्त से बुझाऊँगी तो किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा और अगर मैं बाहर से किसी के साथ चक्कर चलाती हूँ तो फिर सबको पता चल जायेगा। इससे अच्छा है कि मैं अपनी इज्जत इसी को दे देती हूँ, घर की बात घर में ही रहेगी।
अब मैं राहुल के बारे में सोचने लगी और अपने जिस्म पर साबुन लगाने लगी और यह सोच रही थी कि राहुल मेरे जिस्म पर हाथ फेर रहा है और जब मैं अपनी चूत पर आई तब मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी और अपनी चूत में उंगली डालने लगी और आगे पीछे करती रही यही सोच कर कि राहुल उंगली कर रहा है।
थोड़ी देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं शांत हो गई। फिर मैं नहा ली और फिर बाहर आ गई।
अब मैं यही सोचने लगी कि राहुल को इस काम के लिए कैसे मनाया जाये और क्या काम करूं कि वो मुझे दूसरी नज़र से देखे।
मैं रसोई में गई और उसके लिए नाश्ता लगाया, वो खाकर अपने घर चला गया।
मैंने उसे जाते हुए बोला- राहुल शाम को फिर आना !
वो बोला- ठीक है आंटी, जरूर आऊँगा।
मैं उस दिन बहुत खुश थी, मैंने उस दिन काली रंग की कमीज़ पहनी जिसका गला बहुत बड़ा था कि मेरे मम्मों की गहराई साफ़ नजर आ सके, और एकदम टाईट भी थी जिससे मेरा फिगर साफ़ साफ़ पता चल जाये। मैंने काले रंग की ब्रा और पेंटी डाली और नीचे एक टाईट पजामा पहन लिया, बालों को खुला रखा और हल्का फुल्का मेकअप भी कर लिया।
कैसे कैसे कर के दिन गुजरने लगा और दोपहर को घंटी बजी। मैंने देखा कि राहुल था, मैंने बोला- अरे बेटे, आज इतनी जल्दी आ गए? वो बोला- आंटी, आज कोचिंग की छुट्टी है, इसीलिए !
मैंने कहा- अच्छा ठीक है।
वो फिर टीवी देखने लग गया, मैंने कुछ कुछ सोच रखा था कि ये ये बोलूंगी और फिर मैं जाकर उसके साथ बैठ गई।
वो बोला- हई आंटी ! आज आप बड़ी सुंदर लग रही हो, क्या बात है?
मैंने उसे थैंक्स बोला।
मैंने सोचा कि अब इससे एकदम खुल कर बात करती हूँ। और फिर मैंने उससे बोला- राहुल, तेरी गर्लफ़्रेन्ड का क्या नाम है?
"क्या आंटी, आप भी कैसी बात कर रही हो?"
"बेटे, इस उम्र में ऐसा होता है, लड़के गर्लफ़्रेन्ड बनाते हैं।"
"नहीं आंटी, मेरी कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है। होती तो पक्का बता देता।"
"बेटा इमेजिन टीवी लगा ! वहाँ एक शो आता है जिसमें डांस सिखाते हैं !"
"आपको क्या करना है?"
"मेरा आज डांस करने का बहुत मन कर रहा है, क्यों न आज कुछ डांस सीखा जाये !"
उसने वो चैनल लगा दिया। वहाँ सालसा डांस सिखा रहे थे तो मैं खड़ी हो गई, मैंने कहा- इसके लिए तो साथी की जरुरत है।
मैंने राहुल को कहा- बेटे, तुम मेरे साथ डांस करोगे क्या?
"क्यों नहीं आंटी?"
फिर राहुल मेरे करीब आया और मेरे सामने आकर खड़ा हो गया और टीवी में लड़के ने लड़की के कमर में हाथ रखा हुआ था तो राहुल ने यह देख कर कहा- आंटी, मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
मैंने कहा- बेटा, डांस में करना पड़ता है, और इस वक्त तुम मेरे साथी हो।
फिर उसने कहा- ठीक है।
और उसने मेरी कमर पर हाथ रखा और दूसरा हाथ मेरे हाथ में दे दिया और स्टेप से टाँगें आगे पीछे करने लगा।
मैं तो उस वक्त पागल हो गई थी जब राहुल ने मेरी कमर पर हाथ रखा था।
फिर उसमें दिखाया कि लड़की घूमकर अपनी पिछवाड़े को लड़के के आगे करती है। मैं भी उसे देख कर वही करने लगी, राहुल का हाथ पकड़ कर मैंने अपने कमर पर रख दिया और फिर अपने चूतड़ों को घुमा कर उसके लंड से छू दिया। मैंने उसके लंड को अपनी गांड में महसूस किया, मुझे बहुत अच्छा लगा, पर वो कुछ नहीं बोला और आराम से करता रहा !
उसके बाद टीवी में लड़के ने लड़की को कमर से पकड़ कर उठा लिया था, राहुल ने कहा- मैं भी उठा सकता हूँ !
तो उसके दोनों हाथ मेरी कमर पर रख दिए और मुझे उठा दिया। जब उसने मुझे उठा दिया तो उसके हाथ फिसल गए और हाथ फिसल कर मेरे चुचों के नीचे तक आ गए, मेरी तो उत्तेजना से जान निकल रही थी। उसने मुझे नीचे उतरा और टीवी में शो खत्म हो गया।
राहुल ने कहा- आंटी, बहुत मजा आया डांस करने में, कल हम फिर से डांस करेंगे।
मैंने कहा- हां बेटे, जरूर !
मैं खुश हो गई थी क्योंकि अब मुझे आस बन्ध गई थी कि राहुल मेरी प्यार बुझा सकता है।
थोड़ी देर के बाद राहुल का फोन आया, बोला- आंटी, अभी मैं नीचे जा रहा हूँ, फिर घर जाऊंगा और फिर मैं शायद रात को फिर आऊंगा और अगर रात को नहीं आया तो कल दोपहर को इसी वक्त आऊंगा।
मैंने अपने कपड़े बदल लिए थे और मैंने एक खुली टीशर्ट और नीचे हाफ पेंट पहन ली थी। मैंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। जब मैं चलती तो मेरे मम्मे हिलते थे।
रात हो चुकी थी, करीब साढ़े नौ बजे राहुल आया।
मैंने पूछा- तुम घर पर बता कर आये कि मेरे घर पर हो?
वो बोला- हाँ आंटी, बता कर आया हूँ।
फिर हम दोनों साथ में डिनर कर रहे थे तो राहुल बोला- आंटी, जरा नमक पकड़ा दो !
तो मेरे दिमाग में एक बात आई, मैं उठी और नमक पकड़ाने के बहाने झुकी और अपने बड़े बड़े मम्मे राहुल को दिखाए, राहुल ने मेरे मम्मे देख कर नजर हटा ली और नमक ले लिया।
डिनर करने के बाद हम दोनों अपने कमरे में चले गए। वो मेरे बेटे के कमरे में सोता था और मैं अपने कमरे में।सुबह मैं नहाने के लिए गई तो फिर देखा कि राहुल की चड्डी में पानी लगा हुआ है। मैं समझ गई कि यह मेरे चुच्चों का कमाल है।मैंने सोच लिया कि अब राहुल को और अपनी तरफ खींचना पड़ेगा और मैं मन ही मन खुश हो रही थी।
मैं नहाकर बाहर आ गई, मैंने आज जींस और टॉप डाला, मैंने आज नीचे ब्रा और पैंटी नहीं डाल रखी थी, जींस मेरी जांघों से चिपकी हुई थी।
हमने नाश्ता किया, राहुल ने मुझे कहा- आंटी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो !
मैंने कहा- थैंक्स बेटे ! एक तुम ही तो हो जो मेरी तारीफ करते हो ! वरना न मेरा बेटा है यहाँ और न ही पति जो मेरी तारीफ करें।
वो नाश्ता करके चला गया और फिर स्कूल से आने के बाद वो फिर सीधे मेरे घर आ गया।
कहानी जारी रहेगी।
मेरे पति ट्रैवेल एजेंसी में काम करते हैं इसलिए वो महीने में एक या दो दिन घर में आते हैं। हमारा एक बेटा है विक्की, जो 18 साल का है और बहुत ही सुन्दर जवान है। उसका कद 5'5", भरा हुआ शरीर है। मेरा बेटा होस्टल में रहता था। पर मेरे बेटे का एक दोस्त था उसका नाम राहुल था। वो हमारे घर के पास के ही स्कूल में पढ़ता था।
जब मेरा बेटा हॉस्टल वापस चला जाता था तो राहुल तब भी मेरे घर पर आता रहता था और बेटे की तरह रहता था। मैं सारा दिन घर में बोर हो जाती थी क्योंकि मेरे पति मेरी प्यास नहीं बुझा पाते थे और मैं उनके साथ सिर्फ महीने में एक या फिर दो बार ही सेक्स कर पाती थी।
एक औरत की प्यास कितनी होती है, वो एक औरत ही जानती है। मैं पूरे दिन घर में ऐसे ही पड़ी रहती थी। जब भी टीवी पर कोई गर्म सीन आता था तो मेरी प्यास और भी बढ़ जाती थी और मुझे अपनी उंगली से ही अपनी चूत को शांत करना पड़ता था, पर ठीक से शांत नहीं हो पाती थी।
विक्की अपने छुट्टियों में आया तो उसका दोस्त भी आता था हमारे घर पर ! छुट्टियाँ खत्म होने के बाद उसका दोस्त राहुल बहुत कम आने लगा था, वो पूरे दिन स्कूल और कोचिंग में ही निकाल देता था।
एक दिन रात को वो मेरे घर आया था और उस रात तेज बारिश होने लग गई तो वो उस रात मेरे घर पर ही सो गया।
मैं उसे देखती रहती थी कि वो भी मेरे बेटे के साथ धीरे धीरे जवान हो रहा है।
सुबह मैं नहाने के लिए बाथरूम जा रही थी तो मैंने राहुल की चड्डी देखी जिस पर पानी लगा हुआ था, तो में झट से समझ गई कि अब राहुल का माल छुटने लगा है और उसका भी सेक्स करने का मन करता होगा।
मैंने उसकी चड्डी को सूंघ कर देखा तो महक एकदम ताज़ी थी और उसे सूंघने के बाद मेरे जिस्म में एक बिजली सी दौड़ पड़ी। मैं सोचने लगी कि अगर मैं अपनी चूत की प्यास अपने बेटे के दोस्त से बुझाऊँगी तो किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा और अगर मैं बाहर से किसी के साथ चक्कर चलाती हूँ तो फिर सबको पता चल जायेगा। इससे अच्छा है कि मैं अपनी इज्जत इसी को दे देती हूँ, घर की बात घर में ही रहेगी।
अब मैं राहुल के बारे में सोचने लगी और अपने जिस्म पर साबुन लगाने लगी और यह सोच रही थी कि राहुल मेरे जिस्म पर हाथ फेर रहा है और जब मैं अपनी चूत पर आई तब मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी और अपनी चूत में उंगली डालने लगी और आगे पीछे करती रही यही सोच कर कि राहुल उंगली कर रहा है।
थोड़ी देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं शांत हो गई। फिर मैं नहा ली और फिर बाहर आ गई।
अब मैं यही सोचने लगी कि राहुल को इस काम के लिए कैसे मनाया जाये और क्या काम करूं कि वो मुझे दूसरी नज़र से देखे।
मैं रसोई में गई और उसके लिए नाश्ता लगाया, वो खाकर अपने घर चला गया।
मैंने उसे जाते हुए बोला- राहुल शाम को फिर आना !
वो बोला- ठीक है आंटी, जरूर आऊँगा।
मैं उस दिन बहुत खुश थी, मैंने उस दिन काली रंग की कमीज़ पहनी जिसका गला बहुत बड़ा था कि मेरे मम्मों की गहराई साफ़ नजर आ सके, और एकदम टाईट भी थी जिससे मेरा फिगर साफ़ साफ़ पता चल जाये। मैंने काले रंग की ब्रा और पेंटी डाली और नीचे एक टाईट पजामा पहन लिया, बालों को खुला रखा और हल्का फुल्का मेकअप भी कर लिया।
कैसे कैसे कर के दिन गुजरने लगा और दोपहर को घंटी बजी। मैंने देखा कि राहुल था, मैंने बोला- अरे बेटे, आज इतनी जल्दी आ गए? वो बोला- आंटी, आज कोचिंग की छुट्टी है, इसीलिए !
मैंने कहा- अच्छा ठीक है।
वो फिर टीवी देखने लग गया, मैंने कुछ कुछ सोच रखा था कि ये ये बोलूंगी और फिर मैं जाकर उसके साथ बैठ गई।
वो बोला- हई आंटी ! आज आप बड़ी सुंदर लग रही हो, क्या बात है?
मैंने उसे थैंक्स बोला।
मैंने सोचा कि अब इससे एकदम खुल कर बात करती हूँ। और फिर मैंने उससे बोला- राहुल, तेरी गर्लफ़्रेन्ड का क्या नाम है?
"क्या आंटी, आप भी कैसी बात कर रही हो?"
"बेटे, इस उम्र में ऐसा होता है, लड़के गर्लफ़्रेन्ड बनाते हैं।"
"नहीं आंटी, मेरी कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है। होती तो पक्का बता देता।"
"बेटा इमेजिन टीवी लगा ! वहाँ एक शो आता है जिसमें डांस सिखाते हैं !"
"आपको क्या करना है?"
"मेरा आज डांस करने का बहुत मन कर रहा है, क्यों न आज कुछ डांस सीखा जाये !"
उसने वो चैनल लगा दिया। वहाँ सालसा डांस सिखा रहे थे तो मैं खड़ी हो गई, मैंने कहा- इसके लिए तो साथी की जरुरत है।
मैंने राहुल को कहा- बेटे, तुम मेरे साथ डांस करोगे क्या?
"क्यों नहीं आंटी?"
फिर राहुल मेरे करीब आया और मेरे सामने आकर खड़ा हो गया और टीवी में लड़के ने लड़की के कमर में हाथ रखा हुआ था तो राहुल ने यह देख कर कहा- आंटी, मैं ये कैसे कर सकता हूँ?
मैंने कहा- बेटा, डांस में करना पड़ता है, और इस वक्त तुम मेरे साथी हो।
फिर उसने कहा- ठीक है।
और उसने मेरी कमर पर हाथ रखा और दूसरा हाथ मेरे हाथ में दे दिया और स्टेप से टाँगें आगे पीछे करने लगा।
मैं तो उस वक्त पागल हो गई थी जब राहुल ने मेरी कमर पर हाथ रखा था।
फिर उसमें दिखाया कि लड़की घूमकर अपनी पिछवाड़े को लड़के के आगे करती है। मैं भी उसे देख कर वही करने लगी, राहुल का हाथ पकड़ कर मैंने अपने कमर पर रख दिया और फिर अपने चूतड़ों को घुमा कर उसके लंड से छू दिया। मैंने उसके लंड को अपनी गांड में महसूस किया, मुझे बहुत अच्छा लगा, पर वो कुछ नहीं बोला और आराम से करता रहा !
उसके बाद टीवी में लड़के ने लड़की को कमर से पकड़ कर उठा लिया था, राहुल ने कहा- मैं भी उठा सकता हूँ !
तो उसके दोनों हाथ मेरी कमर पर रख दिए और मुझे उठा दिया। जब उसने मुझे उठा दिया तो उसके हाथ फिसल गए और हाथ फिसल कर मेरे चुचों के नीचे तक आ गए, मेरी तो उत्तेजना से जान निकल रही थी। उसने मुझे नीचे उतरा और टीवी में शो खत्म हो गया।
राहुल ने कहा- आंटी, बहुत मजा आया डांस करने में, कल हम फिर से डांस करेंगे।
मैंने कहा- हां बेटे, जरूर !
मैं खुश हो गई थी क्योंकि अब मुझे आस बन्ध गई थी कि राहुल मेरी प्यार बुझा सकता है।
थोड़ी देर के बाद राहुल का फोन आया, बोला- आंटी, अभी मैं नीचे जा रहा हूँ, फिर घर जाऊंगा और फिर मैं शायद रात को फिर आऊंगा और अगर रात को नहीं आया तो कल दोपहर को इसी वक्त आऊंगा।
मैंने अपने कपड़े बदल लिए थे और मैंने एक खुली टीशर्ट और नीचे हाफ पेंट पहन ली थी। मैंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। जब मैं चलती तो मेरे मम्मे हिलते थे।
रात हो चुकी थी, करीब साढ़े नौ बजे राहुल आया।
मैंने पूछा- तुम घर पर बता कर आये कि मेरे घर पर हो?
वो बोला- हाँ आंटी, बता कर आया हूँ।
फिर हम दोनों साथ में डिनर कर रहे थे तो राहुल बोला- आंटी, जरा नमक पकड़ा दो !
तो मेरे दिमाग में एक बात आई, मैं उठी और नमक पकड़ाने के बहाने झुकी और अपने बड़े बड़े मम्मे राहुल को दिखाए, राहुल ने मेरे मम्मे देख कर नजर हटा ली और नमक ले लिया।
डिनर करने के बाद हम दोनों अपने कमरे में चले गए। वो मेरे बेटे के कमरे में सोता था और मैं अपने कमरे में।सुबह मैं नहाने के लिए गई तो फिर देखा कि राहुल की चड्डी में पानी लगा हुआ है। मैं समझ गई कि यह मेरे चुच्चों का कमाल है।मैंने सोच लिया कि अब राहुल को और अपनी तरफ खींचना पड़ेगा और मैं मन ही मन खुश हो रही थी।
मैं नहाकर बाहर आ गई, मैंने आज जींस और टॉप डाला, मैंने आज नीचे ब्रा और पैंटी नहीं डाल रखी थी, जींस मेरी जांघों से चिपकी हुई थी।
हमने नाश्ता किया, राहुल ने मुझे कहा- आंटी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो !
मैंने कहा- थैंक्स बेटे ! एक तुम ही तो हो जो मेरी तारीफ करते हो ! वरना न मेरा बेटा है यहाँ और न ही पति जो मेरी तारीफ करें।
वो नाश्ता करके चला गया और फिर स्कूल से आने के बाद वो फिर सीधे मेरे घर आ गया।
कहानी जारी रहेगी।
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